मंगलवार, 25 जुलाई 2017

कैरियर बनाये ज्योतिष की मदद से

अपना करियर बनायें ज्योतिष की मदद से  

💥10+2के बाद बिषय चुनाव ज्योतिष की मदद से करे🌼📗  
                   
विद्या ददाति विनयं विनयाद्याति पात्रताम् ।
पात्रत्वाद्धनमाप्नोति धनाद्धर्मं ततः सुखम् ।।

अर्थात विद्या से विनयशीलता आती है, विनयशीलता से योग्यता और योग्यता से धन की प्राप्ति होती है। धन हो तो मनुष्य के मन में धर्म के प्रति रुझान होता है और जहाँ धर्म होता है वहां सुख की प्राप्ति होती है।
10+2 में विज्ञान लिया जाये या वाणिज्य (कॉमर्स) या आर्ट्स, यह कुंडली के अध्ययन द्वारा पता चलता है। अतः आप अपना नौकरी जन्मकुंडली दिखाकर बदल सकते हैं।

💥🌈मालूम है? हममें से हरेक व्यक्ति असीमित धन -दौलत,प्रचुरता और  अनंतखुसी का हकदार है। सिर्फ यह जानना जरूरी है कि कब और कैसे? ज्योतिष भाविश्यवाणी न करता बल्कि ग्रह स्वयं बोलते है समस्या है तो समाधान भी है,सभी कठिनाईयो से लड.कर सफलता  पाने  के लिए ज्योतिष विज्ञान मार्गदर्शन देती है

आप भी अपनी कठिनाईयो को सफलता मे बदलने के लिए मेरे व्हाटसएप &पेटियम नं.9015768400 पर सम्पर्क करे परामर्श शुल्क 1100₹     ,   
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जन्मकुंडली द्वारा पता चलता है कि उचित समय कब। अगर आप नौकरी छोड़ के बिजनेस करना चाहते हैं तो कब शुरू करे, किस सेक्टर या प्रोडेक्ट में शुरू करें एवं अकेले करें या पार्टनर के साथ, यह सब आप जान पायेंगे।
किसी कुंडली के विश्लेषण के लिए सबसे कठिन और महत्त्वपूर्ण पहलू, शिक्षा और उससे जुड़ा व्यवसाय, नौकरी की गणना है। आजकल उप व्यवसाय इतने बढ़ गए गए हैं कि उनमें इतनी प्रकार की भिन्नता आ गयी हैं कि व्यवसाय के वास्तविक रूप को निश्चित करना बहुत ही कठिन हो गया है। समाज में प्रतियोगिता और इंसान की अपनी महत्वाकांक्षा इतनी बढ़ गयी हैं कि ज्योतिष इस हालत में एक रामबाण की तरह काम करता है।


add-

🌈ज्योतिषी भाविश्यवाणी नही करता बल्कि ग्रह स्वयं बोलते है।    
  समय एक सा कभी नही रहता । 
👉ग्रह नक्षत्र बदलते रहते है और परिस्थितियां भी। दशाएं अपना प्रभाव दर्शाती है तो आकाश मे भ्रमण करने वाले ग्रह भी ।जन्म कुंडली एक स्थूल रूप है आपके जीवन का । 
समय समय पर  आचार्य अभिनव दूबे जी सलाह लेकर आप आने वाली कठिनायो,परेशानियो को पहले जानकर सावधान रह सकते है  आचार्य अभिनव दूबे जी से Whatsapp no9015768400से सलाह लेकर ग्रहो के दुष्प्रभाव को कम तो कर ही सकते है ।



ज्योतिष के द्वारा हम व्यक्ति के ग्रहों का अध्ययन करते हैं। नौकरी के लिए छठा भाव प्रमुख होता है। वहीं व्यवसाय के लिए सप्तम भाव प्रमुख है। प्रोफेशनल प्रैक्टिस के लिए दशम भाव का गौर से चिंतन करना होता है। यह केवल प्रमुख भाव होते हैं। इसके अलावा व्यक्ति की कुंडली का लगन, धन भाव, पराक्रम भाव, अष्टम, दशम, एकादश भाव इत्यादि भी अध्ययन करने पड़ते हैं। सभी सुसंगत तथ्यों की उचित जांच के बाद यह पता चल जाता है कि कोई विशेष आजीविका उसके लिए मुनाफा लाएगी या हानि का कारण बन सकती है।
जन्म कुंडली के जन्मांग, राशि चक्र, नवमांश
दशमांश आदि षोडशवर्ग कुण्डलियाँ, विभिन्न दशाएं एवं गोचर ग्रह द्वारा मिलाकर भाग्य को सूचित करते हैं एवं दिशा दिखाते हैं आजीविका के मार्ग की। योग्य ज्योतिषी के पास जाकर यह विश्लेषण करना बहुत ही फायदेमंद रहता है क्योकि ऐसे गाइडेंस के बाद व्यक्ति और उसके घर वाले अपना मूल्यवान धन और समय डायरेक्ट उस क्षेत्र में लगा सकते हैं जिससे व्यक्ति को सबसे ज्यादा फायदा और सफलता मिलने का योग है।
मन की निराशा से बचा जा सकता है और असफलता से जो हीन भावना से युवक ग्रस्त होते हैं, उनका आत्मबल टूट जाता है। उससे भी बचा जा सकता है। ज्योतिष के द्वारा तीर उसी निशाने पर लगाया जाता है जिससे व्यक्ति जीवन में सफलता, आदर और सम्मान की सीढ़ी चढ़े और बुलंदियों को अर्जित करे।
कोई भी नौकरी या व्यवसाय अपनाने से पहले का महत्त्वपूर्ण कदम होता है- उच्च शिक्षा का. ज्योतिष शास्त्र में यह विषय बहुत ही सुंदरता से निर्धारण होता है कि कौन के ग्रह बली है, कौन से गृह और कौन से भाव आपस में सम्बन्ध बना रहे हैं, कौन से आगामी ग्रह की दशा आने वाली है। इन सब बातांे से इंगित होता है कि व्यक्ति की प्रवृत्ति किस विषय में होगी। ज्योतिष ज्ञान के मूल स्रोत्र का उचित अध्ययन कर शिक्षा का स्वरुप बताना संभव है।
कुछ ग्रह और उनसे सम्बंधित विषय यहाँ प्रस्तुत हैं इससे आपको ज्ञात होगा की एक ही ग्रह कितने विभिन्न प्रकार के कारकत्व दिखा सकता है और सही विषय का चयन सही समय पर होना भविष्य में सफलता के लिए कितना आवश्यक है-
चन्द्रः मेधा शक्ति, स्मरण शक्ति के लिए चन्द्र का बलि होना आवश्यक है।
बुध: गणितीय क्षमता, अभिव्यक्ति और आकलन की क्षमता, विश्लेषण क्षमता, वाक शक्ति, लेखन क्षमता के लिए बुध को बलि होना चाहिए। यह बलि होने से व्यक्ति अपना करियर बना सकता है। वाणिज्य, बैंकिंग, अर्थशास्त्र, पत्रकारिता, मास कम्युनिकेशन इत्यादि।
सूर्य: सूर्य तेजस्विता एवं सफलता का कारक है. यह सरकारी नौकरी, अपना काम या प्राइवेट संस्था में उच्च पद दिखता है. लेकिन किस सेक्टर या इंडस्ट्री में जाना चाहिए यह कुंडली के बाकि ग्रहांे की पोजीशन बताएगी।
मंगल: इंजीनियरिंग, माइनिंग, सर्जरी, युद्ध विद्या इत्यादि।
गुरु: देवालय का सलाहकार, कैबिनेट मंत्री, आई पी एस अधिकारी, उच्च स्तरीय नौकरी, जज या वकालत, इत्यादि।
शुक्र: अभिनय, फैशन, एडवरटाइजिंग, इंटीरियर डेकोरेशन, एयरलाइन्स, एयर होस्टेस, यात्रा एजेंसी से सम्बंधित, होटल इत्यादि में सफलता मिलने का योग होता है।
शनि: इसमें भी बहुत सारे सेक्टर्स हैं जैसे लोहा, तेल, रबर, स्याही, कुकिंग गैस इत्यादि।
अगर आपके पास आपके जन्म के डिटेल्स नहीं हैं या निश्चित नहीं हैं तो भी आपको पूरी करियर गाइडेंस मिल सकती हैं प्रश्न कुंडली की महान तकनीक से।
आचार्य अभिनव दूबेwhAtsapp&Paytem  no-9015768400

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10+2के बाद बिषय चुनाव ज्योतिष की मदद से                  

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10+2 में विज्ञान लिया जाये या वाणिज्य (कॉमर्स) या आर्ट्स, यह कुंडली के अध्ययन द्वारा पता चलता है। अतः आप अपना नौकरी जन्मकुंडली दिखाकर बदल सकते हैं।

मालूम है? हममें से हरेक व्यक्ति असीमित धन -दौलत,प्रचुरता और  अनंतखुसी का हकदार है। सिर्फ यह जानना जरूरी है कि कब और कैसे? ज्योतिष भाविश्यवाणी न करता बल्कि ग्रह स्वयं बोलते है समस्या है तो समाधान भी है,सभी कठिनाईयो से लड.कर सफलता  पाने  के लिए ज्योतिष विज्ञान मार्गदर्शन देती है आप भी अपनी कठिनाईयो को सफलता मे बदलने के लिए मेरे व्हाटसएप &पेटियम नं.9015768400 पर सम्पर्क करे परामर्श शुल्क 501₹     ,    रत्न खरीदने के लिए भी मेरे नं. पर सम्पर्क करे

जन्मकुंडली द्वारा पता चलता है कि उचित समय कब। अगर आप नौकरी छोड़ के बिजनेस करना चाहते हैं तो कब शुरू करे, किस सेक्टर या प्रोडेक्ट में शुरू करें एवं अकेले करें या पार्टनर के साथ, यह सब आप जान पायेंगे।
किसी कुंडली के विश्लेषण के लिए सबसे कठिन और महत्त्वपूर्ण पहलू, शिक्षा और उससे जुड़ा व्यवसाय, नौकरी की गणना है। आजकल उप व्यवसाय इतने बढ़ गए गए हैं कि उनमें इतनी प्रकार की भिन्नता आ गयी हैं कि व्यवसाय के वास्तविक रूप को निश्चित करना बहुत ही कठिन हो गया है। समाज में प्रतियोगिता और इंसान की अपनी महत्वाकांक्षा इतनी बढ़ गयी हैं कि ज्योतिष इस हालत में एक रामबाण की तरह काम करता है।
ज्योतिषी भाविश्यवाणी नही करता बल्कि ग्रह स्वयं बोलते है।       समय एक सा कभी नही रहता । ग्रह नक्षत्र बदलते रहते है और परिस्थितियां भी। दशाएं अपना प्रभाव दर्शाती है तो आकाश मे भ्रमण करने वाले ग्रह भी ।जन्म कुंडली एक स्थूल रूप है आपके जीवन का । समय समय पर पं. मृत्युंजय द्विवेदी (ज्योतिषी)से सलाह लेकर आप आने वाली कठिनायो,परेशानियो को पहले जानकर सावधान रह सकते है पं. मृत्युंजय द्विवेदी व्हाटसएप नं.9015768400से सलाह लेकर ग्रहो के दुष्प्रभाव को कम तो कर ही सकते है ।
ज्योतिष के द्वारा हम व्यक्ति के ग्रहों का अध्ययन करते हैं। नौकरी के लिए छठा भाव प्रमुख होता है। वहीं व्यवसाय के लिए सप्तम भाव प्रमुख है। प्रोफेशनल प्रैक्टिस के लिए दशम भाव का गौर से चिंतन करना होता है। यह केवल प्रमुख भाव होते हैं। इसके अलावा व्यक्ति की कुंडली का लगन, धन भाव, पराक्रम भाव, अष्टम, दशम, एकादश भाव इत्यादि भी अध्ययन करने पड़ते हैं। सभी सुसंगत तथ्यों की उचित जांच के बाद यह पता चल जाता है कि कोई विशेष आजीविका उसके लिए मुनाफा लाएगी या हानि का कारण बन सकती है।
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मन की निराशा से बचा जा सकता है और असफलता से जो हीन भावना से युवक ग्रस्त होते हैं, उनका आत्मबल टूट जाता है। उससे भी बचा जा सकता है। ज्योतिष के द्वारा तीर उसी निशाने पर लगाया जाता है जिससे व्यक्ति जीवन में सफलता, आदर और सम्मान की सीढ़ी चढ़े और बुलंदियों को अर्जित करे।
कोई भी नौकरी या व्यवसाय अपनाने से पहले का महत्त्वपूर्ण कदम होता है- उच्च शिक्षा का. ज्योतिष शास्त्र में यह विषय बहुत ही सुंदरता से निर्धारण होता है कि कौन के ग्रह बली है, कौन से गृह और कौन से भाव आपस में सम्बन्ध बना रहे हैं, कौन से आगामी ग्रह की दशा आने वाली है। इन सब बातांे से इंगित होता है कि व्यक्ति की प्रवृत्ति किस विषय में होगी। ज्योतिष ज्ञान के मूल स्रोत्र का उचित अध्ययन कर शिक्षा का स्वरुप बताना संभव है।
कुछ ग्रह और उनसे सम्बंधित विषय यहाँ प्रस्तुत हैं इससे आपको ज्ञात होगा की एक ही ग्रह कितने विभिन्न प्रकार के कारकत्व दिखा सकता है और सही विषय का चयन सही समय पर होना भविष्य में सफलता के लिए कितना आवश्यक है-
चन्द्रः मेधा शक्ति, स्मरण शक्ति के लिए चन्द्र का बलि होना आवश्यक है।
बुध: गणितीय क्षमता, अभिव्यक्ति और आकलन की क्षमता, विश्लेषण क्षमता, वाक शक्ति, लेखन क्षमता के लिए बुध को बलि होना चाहिए। यह बलि होने से व्यक्ति अपना करियर बना सकता है। वाणिज्य, बैंकिंग, अर्थशास्त्र, पत्रकारिता, मास कम्युनिकेशन इत्यादि।
सूर्य: सूर्य तेजस्विता एवं सफलता का कारक है. यह सरकारी नौकरी, अपना काम या प्राइवेट संस्था में उच्च पद दिखता है. लेकिन किस सेक्टर या इंडस्ट्री में जाना चाहिए यह कुंडली के बाकि ग्रहांे की पोजीशन बताएगी।
मंगल: इंजीनियरिंग, माइनिंग, सर्जरी, युद्ध विद्या इत्यादि।
गुरु: देवालय का सलाहकार, कैबिनेट मंत्री, आई पी एस अधिकारी, उच्च स्तरीय नौकरी, जज या वकालत, इत्यादि।
शुक्र: अभिनय, फैशन, एडवरटाइजिंग, इंटीरियर डेकोरेशन, एयरलाइन्स, एयर होस्टेस, यात्रा एजेंसी से सम्बंधित, होटल इत्यादि में सफलता मिलने का योग होता है।
शनि: इसमें भी बहुत सारे सेक्टर्स हैं जैसे लोहा, तेल, रबर, स्याही, कुकिंग गैस इत्यादि।
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Astro Mritunjai Dwivedi whAtsapp&Paytem  no-9015768400