जानिये किडनी स्टोन रत्न / दाना फिरँगी मैलाकाइट पत्थर
मैलाकाइट यह कॉपर कार्बोनेट हाइड्रोक्साइड मिनिरल है जो कि ऊपर से कुछ दबा हुआ हरे रंग का रत्न होता है।
एक प्रकार से समुद्री काई है, जो कि जहाजों के नीचे जमा हो जाती है और धीरे - 2, यह पत्थर की तरह सख्त हो जाती है. इसे बहुत प्राचीन काल से चिकित्सा में प्रयोग किया जाता है.
इसमें बनी हरे सफेद रंग की लहरों को देखकर इसे आसानी से पहचाना जा सकता है। यह मुख्य रूप सेनामिबिया, फ्रांस और इंग्लैंड में पाया जाता है। हरे रंग का यह एक चमत्कारी नगीना है। इजरायल देश मे काफी व्यक्ति ये स्टोन चांदी लॉकेट मे पहनते है।
क्यों पहने मैलाकाइट:
वैदिक ज्योतिष में इस रत्न के बारे में बहुत कम सुना और देखा गया है।कुछ लोग इसे शुक्र ग्रह का उपरत्नमानते है और कुछ लोग इसे बुध काउपरत्न मानते है यह दोनों का प्रभावदेता है
लेकिन इसे पश्चिम ज्योतिष में अप्रेल माह का बर्थस्टोन कहा गया है जो कि वृषभ (टॉरस) राशि से संबंधित है। इसे वृषभ, मिथुन,कन्या, तुला, मकर और कुम्भ लग्न वालों को तथा सभी राशियो कोधारण करने की सलाह देता हूँ. ऐसा माना जाता है कि इसे धारण करने से किडनी ,व मूत्र प्रणाली के सभी रोगों में लाभ मिलता है.
पहनने से लाभ:
इस रत्न के बारे में कहा गया है कि यह सड़क दुर्घटना या किसी प्रकार की एक्सीडेंटऔर मशीनों से होने वाले नुकसान को रोक लेता है।
ये निगेटिव एनर्जी (नकरात्मक ऊर्जा )को भी बाहर करता है और प्रदूषण से भी शरीर को सुरक्षित रखता है।
ऐसा देखा गया है कि यह प्रसूती रोग (प्रजनन)के संबंध में भी बेहद असरदार है और शारीरिक दर्द से भी आराम देता है
इसके अलावा सर्दी, मलेरिया, और अस्थमा जैसी गंम्भीर बीमारियों के प्रभाव से भी बचाता है।
पर्यटन (टूरिज्म) के क्षेत्र में काम कर रहे लोगों के लिए यह बहुत फायदा दिलाने वाला रत्न है।
जिस व्यक्ति को पथरी/ लिवर/ किडनी से सम्बंधित कोई भी परेशानी है। उनका लिए यह अमृत की तरह कार्य करता है। इसे पहनने से गुर्दे (किडनी) व मूत्र प्रणाली के सभी रोग दूर हो जाते हैं, और स्वस्थ व्यक्ति इनसे बचा रहता है. .
इसे ह्रदय रोग, नर्वस सिस्टम की कमज़ोरी,बच्चों की पढाई में कमज़ोरी आदि में भी प्रयोग किया जाता है.
और शुक्र के दोष (पति पत्नी सम्बन्ध और सेक्स समस्या) व अनबन को दूर करने के लिए भी पहना जा सकता है
स्वर्ण में स्थापित दानाफिरँगी, वित्तीय मामलों में सफलता लाता है। हरा-मैलाकाइट, चिंता,असंतोष, भय और जुनून के अवचेतन को साफ करता है।
पत्थर धारण करने वाले को की सरलता, ज्ञान और आध्यात्मिक शक्ति देता है,
इस रत्न को धारण करने से नशे की लत भी दूर होतीं है
तो इसको धारण करने से लाभ होगा. नशे की आदत छुड़ाने में सबसे प्रभावशाली रत्न होता है
जिन जातको की कुँडली मे शुक्र ग्रह नीच राशि का हो व भी धारण कर सकता है
तो इसको धारण करने से लाभ होगा. नशे की आदत छुड़ाने में सबसे प्रभावशाली रत्न होता है
जिन जातको की कुँडली मे शुक्र ग्रह नीच राशि का हो व भी धारण कर सकता है
गुणवत्ता:
इसकी गुणवत्ता इसके हरे रंग और इस पर बने वेवी पैटर्न पर निर्भर करती है। जितना स्पष्ट रंग और पैटर्न होगा रत्न उतना ही अच्छा माना जाएगा।
कब पहने -
मैलाकाइट को चांदी की अंगूठी में बाएं हाथ की कनिष्ठा अंगुली में पहनें. इस रत्न को बुधवार की सुबह धारण करना चाहिए इसके अलावा आप शुक्र वार के दिन मध्यमा ऊँगली में पहन सकते है
चिकित्सीय प्रयोग :
बहुत से वैद्य और ज्योतिषी इसे पानी के बर्तन में रात भर रख कर सुबह वह पानी पीने की भी सलाह देते हैं और इसका बहुत लाभ बताते हैं.
Main is raten ko kafi time se pahan raha hun aur iske bad bhi mujhe stone ho gaya hai
जवाब देंहटाएंदवा और दुवा - काम करती है .
जवाब देंहटाएंयह पत्थर पथरी को आसानी से बिना दर्द के
बाहर निकालता रहता है : बनना बंद नही करता -
यदि दाना फिरंग धारण करने के बाद .खुद ब खुद टूट जाए तो क्या मतलब होता है
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