शनिवार, 28 जनवरी 2017

गुरू राहू एक साथ कुंडली मे फलादेश


कुंडली में गुरु तथा राहु का संयोग इसके अतिरिक्त किसी कुंडली में गुरु तथा राहु का संयोग होने पर यह भी संभव होता है कि इन दोनों ग्रहों में से राहु शुभ हों तथा गुरु अशुभ हों जिसके चलते कुंडली में गुरु चांडाल योग तो बनेगा किन्तु यहां पर अशुभ गुरु ही वास्तव में चांडाल का काम करेंगे तथा अशुभ गुरु के प्रभाव में आने के कारण राहु को दोष लग जाएगा

 जिसके चलते जातक को राहु की विशेषताओं से संबंधित क्षेत्रों में हानि उठानी पड़ सकती है।

 इसलिए किसी कुंडली में गुरु तथा राहु के संयोग से बनने वाले गुरु चांडाल योग के फलों के बारे में बताने के लिए सबसे पहले यह आवश्यक है कि उस कुंडली में गुरु तथा राहु के शुभ अशुभ स्वभाव तथा इन दोनों के बल आदि के बारे में भली भांति जान लिया जाए। इसी प्रकार किसी कुंडली में गुरु तथा केतु के संयोग से गुरु चांडाल योग बनने की स्थिति में भी गुरु राहु द्वारा निर्मित गुरु चांडाल योग की भांति ही विभिन्न संभावनाएं हो सकतीं हैं

तथा इस योग का फल गुरु और केतु के शुभ अशुभ स्वभाव तथा बल इत्यादि पर निर्भर करेगा। किसी कुंडली में अशुभ गुरु तथा अशुभ केतु के संयोग से बनने वाला गुरु चांडाल योग जातक को एक घृणित व्यक्ति बना सकता है तथा ऐसा जातक जाति, धर्म आदि के आधार पर बहुत सारे लोगों को कष्ट पहुंचा सकता है या उनकी हत्या भी कर सकता है जबकि शुभ गुरु तथा शुभ केतु के संयोग से बनने वाला गुरु चांडाल योग समाज को आध्यतमिक तथा मानवीय रूप से बहुत विकसित जातक प्रदान कर सकता है जो अपना सारा जीवन मानवता की सेवा तथा जन कल्याण में ही व्यतीत कर देते हैं। इस प्रकार गुरु चांडाल योग का परिणाम विभिन्न जातकों के लिए भिन्न भिन्न हो सकता है तथा किसी कुंडली में गुरु तथा राहु केतु के शुभ होने की स्थिति में जातक को इस योग से बहुत अच्छे परिणाम भी प्राप्त हो सकते हैं।

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