गुरुवार, 20 अप्रैल 2017

पुलिस कि जॉब चाहिए तो मँगलग्रह का करे उपाय, जो करे खुशहाल



मँगल ग्रह का करे उपाय ,जो करे खुशहाल    
मंगल सभी ग्रहो मे अपनी बड़ी महत्वपूर्ण भूमिकानिभाता है मंगल को हिम्मत शक्ति पराक्रम, उमंग, ताकत, काम्पटिसन, क्षमता, खेल, आग्नि, खून मांसल शरीर आदि का कारक माना गया है और इन 
सभी का नियंत्रक होने से मंगल  हमारी जन्मकुंडली में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है
पर स्त्रियों की जन्मपत्रिका में "मंगल ग्रह"  विशेष भूमिका निभाता है नाड़ी ज्योतिष के कठिन नियमो में मंगल को स्त्रियों के लिए पति और पति सुख का कारक ग्रह माना गया है और स्त्रियों के लिएविशेष रूप से मंगल ही उनके वैवाहिक जीवन की स्थिति को नियंत्रित करने वाला ग्रह होता है और स्त्रियों की कुंडली में मंगल ही उनके सुहाग और सौभाग्य का कारक होता है अतः स्त्रियों की कुण्डली में मंगल की बली या कमजोर ही उनके पति सुख और वैवाहिक जीवन की शुभता या परेशानी निश्चित करता है।
महिलाओं की कुण्डली में मंगल का ताकतवर(बली) होना जहाँ अच्छा पति सुख और वैवाहिक जीवन देता है तो वहीँ मंगल पाप पीड़ित हो या कमजोर होने पर विवाह में देरी, पति सुख और वैवाहिक जीवन में बहुत सी कठिनाईयांऔर उतार चढ़ाव का सामना करना पड़ता है। ह
 स्त्री की कुंडली में मंगल यदि स्व राशि ,उच्च राशि मे हो, अथवा केंद्र (1,4,7,10) त्रिकोण (1,5,9) आदि शुभ भावों में हो और पाप के प्रभाव से मुक्त हो तो ऐसे में अच्छा पति सुख और वैवाहिक जीवन प्राप्त होता है दीर्घ काल तक सुहागऔर सौभाग्य बना रहता है, पर स्त्री की कुण्डली में मंगल यदि नीच राशि (कर्कराशि) में हो, दुःख भाव (6,8,12) स्थानमें हो ,विशेषकर आठवे घर में हो, मंगल, राहु या शनि के साथ होने से पीड़ित हो अथवा मंगल पर राहु या शनि की दृष्टि हो तो ऐसे में पति सुख कमी आती हैऔर वैवाहिक जीवन में संघर्ष और समस्याओं की स्थिति उत्पन्न होती है, पति के स्वास्थ मे परेशानीऔर जीवन संघर्षमय रहता है, स्त्रियों की कुंडली में मंगल का पीड़ित होना विवाह में देरी का भी कारण बनता है, यदि स्त्री की कुंडली में पीड़ित मंगल पर बली बृहस्पति की दृष्टि पड़ रही हो वैवाहिक जीवन की समस्याओं का कोई ना कोई समाधान मिल जाता है और बाधायें बड़ा रूप नहीं लेती।
कुण्डली में मंगल पीड़ित होने पर यदि पति सुख और वैवाहिक जीवन बाधित हो रहा हो तो निम्न उपाय करना लाभदायक होगा -
1. ॐ अंग अंगारकाय नमः का नियमित जाप करें।
2. प्रत्येक मंगलवार को गाय को गुड़ खिलाएं।
3. ताम्र पत्र का बना "मंगल यन्त्र" अपने पूजास्थल में स्थापित करके उसकी उपासना करें।
4. आचार्य अभिनव दुबे की सलाह के बाद यदि आपके लिए शुभ हो तो 'मूँगा' भी धारण कर सकते हैं।

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